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भारत में धार्मिक स्‍वतंत्रता (Religious Freedom in India)

सन्दर्भ

हाल ही में अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंतता आयोग (US-CIRF) द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत को "विशेष चिंता के देश" (CPC-country of particular concern) का दर्जा दिया।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

इस रिपोर्ट, ने भारत को चीन, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब और पाकिस्तान सहित देशों के साथ रखा।

भारत को पिछले वर्ष की सूची में "टियर 2 देश" के रूप में वर्गीकृत किया गया था। 2004 के बाद यह पहली बार है जब भारत को इस श्रेणी में रखा गया है।

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "भारत ने 2019 में इस क्षेत्र में तीव्र ह्रास हुआ है," जिसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम, नागरिकों के लिए प्रस्तावित राष्ट्रीय रजिस्टर, धर्मांतरण विरोधी कानून और जम्मू और कश्मीर की स्थिति के बारे में विशिष्ट चिंताएं सम्मिलित हैं।

आयोग ने यह भी अनुशंसा की है कि अमेरिकी सरकार "अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंतता अधिनियम" (IREA) के तहत भारत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।


भारत का पक्ष

भारत सरकार ने USCIRF की रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे "पक्षपाती" करार दिया है, साथ ही इसके अवलोकनों को खारिज कर दिया है।
भारत सरकार के अनुसार, USCIRF की रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण है और भारत के खिलाफ टिप्पणी करना कोई नई बात नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने USCIRF के बयान को गलत बताते हुए खारिज कर दिया और भारत के आंतरिक मामलों में अमेरिकी निकाय की दखलंदाजी को लेकर सवाल उठाया हैं।


धार्मिक स्‍वतंत्रता के संवैधानिक प्रावधान

अनुच्छेद 25 (Article - 25) - अंतःकरण एवं धर्म के अबाध रूप से मानने एवं प्रचार की स्वतंत्रता
  • अन्तःकरण की स्वतंत्रता : व्यक्ति इच्छानुसार ईश्वर के साथ संबंध स्थापित कर सकता है.
  • धर्म को अबाध मानने, आचरण और प्रसार करने की स्वतंत्रता धार्मिक कार्यों के प्रबन्ध की स्वतंत्रता

अनुच्छेद 26(Article - 26)
सार्वजानिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी भी वर्ग को अधिकार होगा कि -
  • धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्थानों की स्थापना और रखरखाव ।
  • धर्म के मामलों में अपने मामलों का प्रबंधन करने के लिए।
  • चल और अचल संपत्ति का स्वामित्व और अधिग्रहण करने के लिए।
  • विधि के अनुसार ऐसी संपत्ति का प्रशासन करना ।

अनुच्छेद 27 (Article - 27) - विशेष धर्म हेतु कर देने से मुक्ति
  • किसी व्यक्ति को, किसी विशेष धर्म या सम्प्रदाय के लिए कर देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.

अनुच्छेद 28 (Article - 28) - राज्य पोषित शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या उपासना का प्रतिषेध
  • राज्य द्वारा पूर्णतः पोषित संस्थाओं में किसी प्रकार की धार्मिक शिक्षा नहीं दी जा सकती.
  • राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाओं में धार्मिक शिक्षाएं दी जा सकती है, बशर्ते इसके लिए लोगों ने अपनी सम्मति दे दी हो
  • राज्य निधि द्वारा सहायता प्राप्त संस्थाओं में धार्मिक शिक्षाएं दी जा सकती है, बशर्ते इसके लिए लोगों ने अपनी सम्मति दे दी हो.
  • राज्य प्रशासित किंतु किसी धर्मस्व या न्याय के अधीन स्थापित संस्थाएं पर धार्मिक शिक्षा देने के बारे में कोई प्रतिबंध नहीं.

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (International Reli-gious Freedom Act-IRFA)
  • अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 1998, 105वीं अमेरिकी कॉन्ग्रेस (वर्ष 1997-99) द्वारा पारित किया गया था और 27 अक्तूबर, 1998 को तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा हस्ताक्षरित किये जाने के साथ ही कानून के रूप में लागू हुआ।
  • यह विदेशों में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के संदर्भ में अमेरिका द्वारा व्यक्त चिंताओं का विवरण है।

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (United States Com-mission on International Religious Freedom-US-CIRF)
  • USCIRF एक सलाहकार और परामर्शदात्री निकाय है, जो अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित मुद्दों पर अमेरिकी काँग्रेस और प्रशासन को सलाह देता है।
  • USCIRF स्वयं को अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम द्वारा स्थापित एक स्वतंत्र, अमेरिकी संघीय आयोग के रूप में वर्णित करता है।

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